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तेरे जाने से

तेरे जाने से    

विचार

कभी भी, किसी भी परिस्थिति में किसी को इतने अधिकार मत दो, कि वो आपका नसीब बदलने का अधिकार रखने लगें।

क्या सिर्फ नाम के लिए होते हैं रेजॉल्यूशन

 क्या सिर्फ नाम के लिए होते हैं रेजॉल्यूशन नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं  जिस   प्रकार किसी त्यौहार में बाजारों में साज-सजावट, मिठाईयों, कपड़ों और खिलौनों की धूम मची रहती है ठीक उसी प्रकार किसी व्यक्ति के जन्मदिन में और हर नए वर्ष में चारों तरफ खुशियों के अलावा जिस एक चीज की बहार रहती है। वह है लोगों के द्वारा ली जाने वाली रेजॉल्यूशन। जी हां रेजॉल्यूशन यानी किसी काम को करने का संकल्प लेना। नए साल पर नए-नए संकल्प लेना कोई आज की बात नहीं है, बल्कि आज से दो-तीन पीढ़ी पहले के लोग भी अपने नए साल की शुरूआत अच्छे कामों के करने का संकल्प लेकर ही शुरू करते थे। जैसे सुबह जल्दी उठ कर मॉनिंग वॉक के लिए जाना, साल के पहले दिन से ही पढ़ाई शुरू करने का, बड़ों का सम्मान करना आदि ना जाने कितने ही रेजॉल्यूशन से अपने दिन की शुरूआत करते है। क्या आपने कभी यह सोचा है कि हमारे द्वारा लिए गए यह संकल्प हम खुद कितने दिनों तक मानते हैं। एक दिन, एक हफ्ता या ज्यादा-से-ज्यादा एक महीना। हमारा रेजॉल्यूशन पर डटे न रहने का सबसे बड़ा कारण है हमारी मानसिक शक्ति। अगर हम यह चाहते है कि ह...

वक्त के साथ बदला भाईदूज

वक्त के साथ बदला भाईदूज भाई-बहन के प्यार का पर्व है भाईदूज का त्यौहार। इस दिन बहने अपने भाई का तिलक करके आरती उतारती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार देता है। भाई चाहे अपनी बहन से पूरे  साल दूर रहा हो पर इस दिन वह अपने सारे काम को छोड़कर अपनी बहन के पास आता है , और भाईदूज का त्यौहार मनाता है। पर  वक्त के साथ बदल रहा है भाईदूज को मनाने का तरीका।  * कई भाई बहन ऐसे भी है जो भाईदूज के दिन भी साथ नहीं रहते। उन्हें अब डिजिटल मीडिया ने एक कर दिया है। भाई बहन के बीच की दूरी को स्मार्टफोन ने मिटा दी है।  *  पहले जब मम्मी मामा के घर जाती थी या बुआ पापा के घर भाईदूज के लिए आती थी तो वह मिठाई का डिब्बा साथ लाना कभी नहीं भूलती थी। पर समय के साथ मिठाई के इस डिब्बे में भी बदलाव आया है। आज की मॉर्डन बहने अपने भाईयों को मिठाई खिलाने से ज्यादा बेहतर उन्हें ड्राय-furit और चॉकलेट्स खिलाना पसंद करती है। इससे न केवल मिलावटी मिठाई के नुकसान से बचा जा सकता है , बल्कि यह आजकल के फैशन के अनुरूप भी है।  *  पापा अपनी बहन को भाईदूज के अवसर पर भेंट स्वरूप अपना प्यार देत...

भारत की विरासत : आयुर्वेद पद्धति

भारत की विरासत : आयुर्वेद पद्धति             भारत की विरासत : आयुर्वेद पद्धति  भारत की प्राचीन विरासत आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति देश का गौरव का प्रतीक  मानी  जाती है। जिन बीमारियों का इलाज एलोपेथी में भी संभव नहीं है , उसका इलाज आयुर्वेद में संभव है। आयुर्वेद ने अपनी खूबियों के चलते पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा लिया है। जब भारत की धरोहर आयुर्वेद की शक्ति और इसके लाभ के बारे में पूरा विश्व मान चुका है तब भारत देश की नींद खुली कि यह तो भारतीय धरोहर है और इसके लाभ को लेने में ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए। देर से ही सही लेकिन देश ने आयुर्वेद की ताकत को जाना और इसके विकास के लिए कई ठोस कदम भी उठाएं  है। धन्वंतरि जयंती या धनतेरस  के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मानाने की पहल की गई है। इस पहल से लगता है कि सचमुच अच्छे दिन आ गए है जिसका वादा मोदी सरकार ने किया था। धन्वंतरि को हिन्दु धर्म के अनुसार दवाई का देवता माना जाता है। पुराणो में भी इनको आयुर्वेद का भगवान माना गया है। समय के साथ सोच...