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अक्षय तृतीया में क्या न करें, जिससे हो मां लक्ष्मी की कृपा

facebook, twitter, अक्षय तृतीया में क्या न करें, जिससे हो मां लक्ष्मी की कृपा अक्षय तृतीया का दिन सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे शादी, मुंडन, घर - गाड़ी की खरीदारी, गृह प्रवेश, नए काम की शुरूआत जैसे शुभ काम किए जाते है। इस दिन किसी भी चीज की खरीदारी करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई को मनाई जाएगी। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया और आखा तीज के नाम से जाना जाता है। ये भी पढ़ें -  अक्षय से पहले ये सितारे भी एड के लिए मांग चुके है माफी अक्षय तृतीया के दिन कई लोग दान धर्म करते है। इसका बहुत बड़ा महत्व है, ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही जीवन के सभी दुख दूर होते है। जिस कारण घर में धन-धान्य की कमी भी नहीं होती है, और साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। ये भी देखें -  #AkshayTritiya | अक्षय तृतीया में क्या न करें | कब है अक्षय तृतीया अगर आप चाहते है कि आपके घर-परिवार में मां लक्ष्मी का वास सदैव बना रहे इसके लिए आपको अक्षय तृतीया ...

सावन मास का महत्व

सावन मास का महत्व सावन मास भगवान शिव को समर्पित हैं। इस पवित्र महीने में भोले बाबा के भक्त उन्हे प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना करते है। सावन मास को सर्वोत्त्म मास भी कहते है। सावन सोमवार व्रत का सर्वाधिक महत्व है। श्रावस मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है। इस माह में सोमवार का व्रत और सावन स्नान की परंपरा है। श्रावण मास में बेलपत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना अति फलदायी माना गया है। जल अभिशेष का सावन मास में विशेष   महत्व   जब   समुद्र मंथन आरम्भ हुआ और भगवान कच्छप के एक लाख   योजन   चौड़ी पीठ पर मन्दराचल पर्वत घूमने लगा। तब समुद्र मंथन से सबसे पहले हलाहल विष निकला। उस विष की ज्वाला से सभी देवता तथा दैत्य जलने लगे और उनकी कान्ति फीकी पड़ने लगी। इस पर सभी ने मिलकर भगवान शंकर की प्रार्थना की। उनकी प्रार्थना पर   महादेव   जी उस विष को हथेली पर रख कर उसे पी गये किन्तु उसे कण्ठ से नीचे नहीं उतरने दिया। उस   कालकूट   विष के प्रभाव से शिवजी का कण्ठ नीला पड़ गया। इसीलिये महादेव जी को   नीलकण्ठ   कहते हैं। उ...