facebook, twitter, अमरनाथ शिवलिंग पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग का असर न केवल यूरोप तक सीमित है, बल्कि अब इसका असर भारत में अमरनाथ गुफा तक भी पहुंच रहा है। जिसके कारण अमरनाथ का शिवलिंग वक्त से पहले पिघल रहा है। हर साल करीब एक महीने के लिए अमरनाथ के शिवलिंग के दर्शन होते थे। वहीं अब पिछले कुछ वर्षो से शिवलिंग बहुत जल्दी पिघलने लगा है, जिससे बाबा बर्फानी के दर्शन वाले दिन घटकर सिर्फ 20 दिनों में सिमट रहा है। ये भी पढ़े : Chardham: pilgrimage or tourist destination चारधाम : तीर्थस्थल या पर्यटनस्थल अमरनाथ यात्रियों के लिए बर्फ के शिवलिंग के दर्शन और दुलर्भ होता जा रहा है। क्योंकि जो शिवलिंग पहले एक महीने तक नहीं पिघलता था, अब वह यात्रा शुरू होने के मात्र 3 हफ्ते के अंदर ही पिघलने लगा है। साल-दर-साल कम होता गया शिवलिंग का आकार आपको जानकर हैरानी होगी कि जो शिवलिंंग 90 के दशक में 20 फीट तक ऊंचा बनता था। लेकिन 2012 में इसकी ऊंचाई 18 फीट तक पहुंच गई। तो वहीं 2015 में अमरनाथ धाम में 18 फीट का शिवलिंग बना। 2016 तक आते-आते शिवलिंग की ऊंचाई 10 फीट तक सिमट गई। उस...
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