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Showing posts from June, 2022

Chardham: pilgrimage or tourist destination चारधाम : तीर्थस्थल या पर्यटनस्थल

facebook, twitter, तीर्थ स्थलों का व्यापारीकरण हिन्दु सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत महत्व है। चार धामों के दर्शन करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। बीते दो सालों से काेरोना के कारण स्थगित यह यात्रा 2022 में फिर से शुरू हुई। कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के बाद देश भर के धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि कोरोना काल में प्रतिबंधों काे झेलने के बाद हर कोई यात्रा के लिए उत्सुक भी है। श्रद्धालु यात्रा के लिए उत्सुक दिखाई पड़ते है और अपनी आस्था को भगवान के प्रति समर्पित करना चाहते है। इस वर्ष अब तक लाखों श्रद्धालु यह यात्रा पूरी कर और सुनहरी यादों को लेकर अपने घरों को लौट चुके है। इस यात्रा को इन लोगों ने क्या यादगार दिया इस पर भी विचार करना आवश्यक है। अभी इस यात्रा काे शुरू हुए एक महीना भी नहीं हुआ लेकिन केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर प्लास्टिक और कचरे के ढेर नजर आने लगे। केदारनाथ जैसे संवेदनशील स्थान पर जिस तरह प्लास्टिक का कचरा जमा हो गया है। वह हमारी पारिस्थितिकी के लिए खतरनाक है। इससे क्षरण होगा जो भूस्खलन का कारण ब...

पर्यावरण संरक्षण : अभी नहीं तो कभी नहीं

facebook, twitter, पर्यावरण संरक्षण : अभी नहीं तो कभी नहीं सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन संभव है। Only One Planet In The Entire Universe ... उसे बचाना ही होगा। आज हम विश्व पर्यावरण दिवस की 50 वीं सालगिरह बना रहें है। पांच दशक पहले स्टॉकहोम में साल 1972 में 5 से 16 जून तक पर्यावरण पर दुनिया का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था। उसके दो साल बाद 5 जून 1974 में दुनिया के 119 देश प्रकृति को बचाने और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को हल करने की भावना से एकजुट हुए, और तब पहली बार 'केवल एक पृथ्वी' Only One Earth के स्लोगन के साथ पर्यावरण दिवस मनाया गया। ये भी पढ़े :  इलेक्ट्रिक वाहन : ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का समाधान पर्यावरण दिवस मनाने का लक्ष्य पर्यावरण को बचाने की चुनौती से निपटने के लिए एक बुनियादी सामूहिक दृष्टिकोण बनाना था। तब से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप नामित किया गया। आज हमारी पृथ्वी संकट में है, इसका सुरक्षा कवच यानी ओजोन लेयर छिन्न-भिन्न हो गई है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिसका असर हमा...

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान में कितने सहायक है इलेक्ट्रिक वाहन?

facebook, twitter, इलेक्ट्रिक वाहन : ग्लोबल वार्मिंग की समस्या का समाधान विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के मध्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। यह पूरे विश्व में मनाया जाता है तथा लोगों को यह बताया जाता है कि हमें पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए, जिनसे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे। ये भी पढ़ें -  निर्जला एकादशी का महत्व पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक कदम उठाए जा रहे हैं। आज जब दुनियाभर में भारी कार्बन उर्त्सजन के कारण ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरणीय प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है, तो ऐसे में दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को उसके समाधान के रूप में प्रस्तुत कर रही है। भारत सरकार भी परम्परागत वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन लाने की नीति बना चुकी है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्या का समाधान कर सकता है? ये भी पढ़ें -  विज्ञापनों में हमेशा हिंदु त्याेहारों से छेड़छाड़ क्याें? आज प्रत्यक्ष कार्बन डाई-ऑक्साइड उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र का हिस्सा 25 ...