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Chardham: pilgrimage or tourist destination चारधाम : तीर्थस्थल या पर्यटनस्थल

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तीर्थ स्थलों का व्यापारीकरण



हिन्दु सनातन धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत महत्व है। चार धामों के दर्शन करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। बीते दो सालों से काेरोना के कारण स्थगित यह यात्रा 2022 में फिर से शुरू हुई। कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के बाद देश भर के धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि कोरोना काल में प्रतिबंधों काे झेलने के बाद हर कोई यात्रा के लिए उत्सुक भी है।

श्रद्धालु यात्रा के लिए उत्सुक दिखाई पड़ते है और अपनी आस्था को भगवान के प्रति समर्पित करना चाहते है। इस वर्ष अब तक लाखों श्रद्धालु यह यात्रा पूरी कर और सुनहरी यादों को लेकर अपने घरों को लौट चुके है। इस यात्रा को इन लोगों ने क्या यादगार दिया इस पर भी विचार करना आवश्यक है।

अभी इस यात्रा काे शुरू हुए एक महीना भी नहीं हुआ लेकिन केदारनाथ जाने वाले रास्ते पर प्लास्टिक और कचरे के ढेर नजर आने लगे। केदारनाथ जैसे संवेदनशील स्थान पर जिस तरह प्लास्टिक का कचरा जमा हो गया है। वह हमारी पारिस्थितिकी के लिए खतरनाक है। इससे क्षरण होगा जो भूस्खलन का कारण बन सकता है। हमें 2013 की त्रासदी को ध्यान में रखना चाहिए और सावधान रहना चाहिए। श्राद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है जिसके कारण प्लास्टिक कचरा बढ़ गया है क्योंकि हमारे पास उचित स्वच्छता सुविधाएं नहीं हैं। इससे प्राकृतिक वनस्पति प्रभावित हुई है, साथ ही औषधीय पौधे भी विलुप्त हो रहें हैं।

इसका सीधा - सा कारण है कि हमने विकास के नाम पर तीर्थस्थल को पर्यटन स्थल में परिवर्तित करते चले जा रहें है। जिसके चलते भक्तों को तीर्थ स्थलों में सुविधाओं के अंम्बार देखने को मिलते है, क्योंकि वर्तमान समय में हम प्रत्येक धार्मिक स्थान को व्यापारिक दृष्टि से देख रहें है। जिसका खामियाजा न केवल प्राकृति को चुकाना पड़ रहा है, बल्कि मनुष्य को भी बाढ़, प्रदूषण जैसे प्राकृतिक अपादाओं में जान दे कर चुकानी पड़ती है। 

इस दुर्दशा का एक अन्य कारण इंस्टाग्राम इंफ्लुए्ंसर भी है। आजकल केदारनाथ धाम धार्मिक यात्रा से ज्यादा इंस्टाग्राम स्पॉट बन गया है। भक्ति से ज्यादा रील्स और स्टोरिज का दिखावा है। लोगों को भगवान के दर्शन थोड़े करना है, उन्हें तो बस सिर्फ अच्छी फोटो आ जाए केदारनाथ मंदिर के सामने उतना ही काफी है। इसी के लिए अधिकतर लोग आते है यहां। ये वही लोग हैं जो घर में भगवान जी की फोटो के सामने पूजा नहीं करते पर धार्मिक बातें बड़ी-बड़ी करते हैं।



सोशल मीडिया के जामाने में लोग वायरल होने के लिए क्या-क्या नहीं करते है, इसका ताजा उदारण है यह तस्वीर जिसमें एक भाईसाहब केदारनाथ परिसर में अपना पालतू कुत्ता लेकर न केवल पहुंच गए बल्कि नंदी की पूजा भी कुत्ते को गोद में लेकर करते दिखाई दिए। भाईसाहब का मकसद भक्ति भाव का नहीं बल्कि केवल रील बनाकर वायरल होने का था।


 

 


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