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विज्ञापनों में हमेशा हिंदु त्याेहारों से छेड़छाड़ क्याें?

विज्ञापनों में हमेशा हिंदु त्याेहारों से छेड़छाड़ क्याें?





त्योहारी सीजन के आते ही हर कंपनी कई लुभावने विज्ञापन जारी करती है, और तरह-तरह के ऑफर्स देकर अधिक-से अधिक मुनाफा कमाना चाहते है। इस होड़ में कई विवादस्पद विज्ञापन भी जारी करती हैं। हाल के दिनों में आए कई विज्ञापनों में हिन्दु त्योहारों का मजाक उड़ाते हुए दिखाया गया है। 


इन दिनों डाबर कंपनी के एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा उतार रहें है। इस विज्ञापन में डाबर के प्रोडक्ट फेम को लेकर है, जिसमें एक समलैंगिक जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया हैं। इस विज्ञपान को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा, और लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए, पूछा कि हमेशा हिन्दु त्योहारों से ही छेड़छाड़ क्यों किया जाता है? मुस्लिम या ईसाई त्योहारों से क्यों नहीं?


आपको बता दें कि डाबर के इस विज्ञापन में एक महिला दूसरी महिला को क्रीम लगाते हुए दिखाई दे रही है। इसके बाद वो कहती है, “ये लग गया तेरा फेम क्रीम गोल्ड ब्लीच।” इस पर दूसरी महिला जवाब देती है, “धन्यवाद! तुम सबसे अच्छी हो।” इसके बाद वो पूछती है कि करवा चौथ का इतना ‘कठिन व्रत’ क्यों रख रही हो? इस पर महिला जवाब देती है कि उनकी खुशी के लिए। यही सवाल फिर पूछे जाने पर दूसरी महिला जवाब देती है कि उनकी लंबी उम्र के लिए।
इसके बाद एक अन्य महिला आकर कहती हैं कि ये उन दोनों का पहला करवा चौथ है। साथ ही वो दोनों को साड़ियाँ भी देती हैं। वो कहती है, “एकदम चाँद का टुकड़ा लगोगी दोनों।” फिर रात के समय दोनों महिलाओं को छलनी की जाल की तरफ से चाँद को और फिर एक-दूसरे को देखते हुए दिखाया गया है। 

एक ट्विटर यूजर ने पूछा कि हमेशा इस तरह के प्रयोग हिन्दू त्योहारों के साथ ही क्यों किए जाते हैं?



फैबइंडिया ने दीपावली पर ‘जश्न-ए-रिवाज’ कैंपेन शुरू कर दीवाली का मजाक बनाया और इसके उर्दूकरण की कोशिश की। कंपनी ने कपड़ों के एक कलेक्शन के विज्ञापन में दीपावली को जश्न-ए-रिवाज बताया था। लेकिन सोशल मीडिया पर इसका लगातार विरोध होने के बाद उन्होंने इस हिंदू विरोधी विज्ञापन को हटा लिया।

इसी तरह CEAT टायर के विज्ञापन में बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को स्कूली बच्चों को यह कहते हुए दिखाया गया, “सड़क गाड़ी चलाने के लिए है पटाखे जलाने के लिए नहीं है। सोसायटी में बम फोड़े, ताकि सड़क पर किसी को असुविधा ना हो।”


जैसा कि आमिर खान वाले विज्ञापन से कंपनी ने ‘जागरूकता’ फैलाने का काम किया है, वैसे ही भाजपा सांसद ने कंपनी से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी जागरुकता फैलाने का आग्रह किया है। कभी-कभी ज्यादा शोर होने पर आसपास के लोगों को इससे खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
आमिर खान पर तंज कसते हुए, हेगड़े ने यह भी उल्लेख किया कि कुछ हिंदू विरोधी अभिनेताओं के लिए यह एक आदर्श बन गया है कि वे अपनी खुद की बुराइयों को नजरअंदाज करते हुए हिंदू धर्म के बारे में सब कुछ गलत बताते हैं।
तो वहीं एक नामी कंपनी टाटा क्लिक के विज्ञापन पर भी विवाद गहरा गया। 



अखबार में छपे तनिष्क के विज्ञापन की टैग लाइन को लेकर भी लोगो में नराजगी है और अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया के जरिए जाहिर कर रहे है। तो वहीं लोगो का कहना है कि इस विज्ञापन में दिवाली को एक बहाना बताया गया है सजने संवरने के लिए।


इन विज्ञापनों के आने के बाद सवाल यही उठता है कि आखिर कब तक ये कंपनियां ऐसे ही सिर्फ हिंदु त्योहारों का मजाक बनाते रहेगें, और कब तक ये लाेग सनातन धर्म को टारगेट करेंगे? ऐसा विज्ञापन ईद या क्रिसमस पर क्यों नहीं बनाया जाता है?

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